Dated : 13 May 2024
Dated : 27 Nov 2023
Dated : 26 Nov 2023
अपने गाँव में एक विद्यालय की स्थापना करना मेरे जीवन का एक सबसे बड़ा स्वप्न था। मेरा यह स्वप्न एक दिन साकार होने का समय आ गया और इसी पावन उद्देश्य को मन में रखते हुए मेरे द्वारा चालीस वर्षों पूर्व वीर सावरकर जूनियर हाईस्कूल की स्थापना की गई। जो कालांतर में हाईस्कूल एवं इण्टर कॉलेज बना। मेरे जीवन का यही सबसे बड़ा उद्देश्य था कि मेरे गांव में एक ऐसा विद्यालय होना चाहिए जिससे आसपास के क्षेत्र की बालिकाओं के साथ साथ बालकों को भी अपनी पढाई के लिए दूर न जाना पड़े तथा वे शिक्षा से वंचित न रहें।
अपने पूज्य पिताजी डॉ० विजयशील पचौरी जी के स्वप्न को पूरा करने के उद्देश्य से वीर सावरकर इण्टर कॉलेज के प्रबन्धक के उत्तरदायित्व का निर्वहन मेरे द्वारा किया जा रहा है। आज भी पूज्य पिताजी के मार्गदर्शन में ही विद्यालय के विकास के लिए सदैव प्रयासरत रहता हूँ। पेशे से चिकित्सक होकर समयाभाव होने पर भी विद्यालय के विकास से जुड़े कार्यों के लिए समय निकाल ही लेता हूँ। मेरी परमपिता परमात्मा से सदैव यही कामना रहता है कि इस विद्यालय के छात्र छात्राएं सदैव अपने जीवन में सफलता प्राप्त करके पिताजी के साथ साथ मेरे भी स्वप्न को साकार करने के साक्षी बनें। जीवन में जब भी आवश्यकता होगी इस विद्यालय की सेवा के लिए मैं तन, मन, धन से सदैव प्रस्तुत रहूंगा।
मुझे इस विद्यालय के प्रधानाचार्य के पद ग्रहण किए हुए अभी अधिक समय नहीं हुआ है। परन्तु जब से यह उत्तरदायित्व मुझे मिला है तभी से मैं प्रयासरत हूँ कि यह विद्यालय जनपद में ही नहीं बल्कि प्रदेश स्तर पर भी अध्ययन,खेलकूद, सांस्कृतिक कार्यक्रम, विभिन्न प्रतियोगिताओं एवं अन्य पाठ्यसहगामी क्रियाकलापों इत्यादि में अपनी एक अलग पहचान स्थापित करे। इसी पावन उद्देश्य को मन में रखकर मैं अनवरत प्रयास कर रहा हूँ। इसी क्रम में मेरे आने के बाद विद्यालय में स्काउट गाइड का प्रारम्भ, बैंड (घोष), साउंड सिस्टम, ओटोमैटिक पीरियड अलार्म सिस्टम, विज्ञान वर्ग की मान्यता हेतु एक कक्ष का निर्माण इत्यादि की व्यवस्था मेरे द्वारा कराई गई है। इस समय विद्यालय में अनुशासन व्यवस्था बहुत ही अच्छी है। सभी छात्र छात्राएं समय से विद्यालय आकर अध्ययन कर रहे हैं। हमारे शिक्षकगण पूर्ण मनोयोग से अपने विषय का अध्यापन कार्य कराते हैं। मैं चाहूंगा कि सभी छात्र छात्राएं अनुशासित रहते हुए अध्ययन के साथ साथ अन्य पाठ्यसहगामी क्रियाकलापों में भी विद्यालय को उन्नति के शिखर पर ले जाने का प्रयास करें।